युवाओं के इस जनसैलाब को नतमस्तक होकर चांडक परिवार आपके जज्बे को सलाम करता है
युवाओं के इस जनसैलाब को नतमस्तक होकर चांडक परिवार आपके जज्बे को सलाम करता है- राघव चांडक मेहनत करने वालों की सफलता किसी की मोहताज नहीं होती है युवाओं के हाथ में देश की तरक्की होती है । सभी युवा मिलकर एक साथ भविष्य बनाने का सुनहरा सपना पूरा करेंगे । चांडक परिवार सदैव आपके साथ हर सुख दुख में खड़ा है और खड़ा रहेगा । यह संबोधन आज युवा जनसभा को संबोधित करते हुए राघव चांडक ने इंदिरा चौक पर आयोजित युवा जनसभा में कहे आज चांडक परिवार सहित सभी वक्ताओं ने शहर को मेडिकेटेड नशे, चीटे, इंजेक्शन के नशे के खिलाफ एकजुट होकर खड़े होने का आह्वान किया। हजारों की संख्या में पधारे युवाओं व शुभचिंतकों का चांडक परिवार ने पुष्प वर्षा कर सबका अभिनंदन किया।
समाजसेवी अशोक चांडक ने युवाओ को सम्बोधित करते हुए कहा कि मैं कोई राजनीतिज्ञ नहीं हूं और ना ही मैं यहां राजनीति की बात करने आया हूं। मेरा राजनीति मैं आने का उद्देश्य आप सब जानते हैं। आज हमारे शहर के जो हालात हैं वह भी आप अच्छी तरह जानते हैं। हमारे शहर में जानलेवा नशे का फैला कारोबार युवाओं के जीवन को दीमक की भांति समाप्त कर रहा है। जोकि हमारे लिए सबसे अधिक चिंता का विषय है। शायद मेरे राजनीति में आने का यह एक प्रमुख कारण है। क्योंकि जिस ताकत के साथ मैं इस अभिशाप का अंत करने की सोच रहा हूं वह ताकत केवल मुझे आप लोगों के माध्यम से राजनीति में मिल सकती है। युवाओं के नशे की ओर भटकाव के पीछे प्रमुख कारण है बेरोजगारी। पढ़े-लिखे युवा को नौकरी उपलब्ध करवाना सरकार की जिम्मेदारी है लेकिन यह आवश्यक नहीं कि वह प्रत्येक बेरोजगार को नौकरी दे पाए। ऐसे में बेरोजगार युवाओं और नशे की बजाए स्वरोजगार से जुड़ना चाहिए। काम कोई बड़ा या छोटा नहीं होता। काम काम ही होता है। छोटे काम से की गई शुरुआत इंसान को बड़े काम की और ले जाती है। यह मेरा अनुभव यही एक शाश्वत सत्य है।आप सबको आश्चर्य होगा कि मैं जन्म से अमीर अथवा पूंजीपति नहीं हूं। आपके बुजुर्ग हमारे बारे में बेहतर जानते हैं। मेरा पूरा बचपन गरीबी में बीता है। अभावों का जीवन जिया था। विषम परिस्थितियों से लड़ते हुए कड़ी मेहनत की। एक छोटे से काम की शुरुआत मुझे आज सिंडिकेट तक ले गई। आज मुझे मेरे परिवार को लेकर पीछे मुड़कर देखने की आवश्यकता नहीं है। पीछे मुड़कर देखता हूं तो मुझे केवल मेरा शहर और यहां की जनता मेरे भाई बहन गरीब व दलित परिवार नशे के गर्त में डूबता युवा वर्ग नजर आता है। पिछले 8 वर्ष से मैं आपके बीच हूं। इस अवधि के दौरान हम एक नहीं अनेक बार आपस में मिल चुके हैं और आप मुझे तथा मेरे बारे में काफी कुछ जान चुके हैं। मैं राजनीति में सत्ता सुख भोगने अथवा पैसा कमाने के लिए नहीं आया। ईश्वर ने मुझे इतना दिया कि मैं पूरा ऐशो आराम वाला जीवन जी सकता हूं। लेकिन इतना पैसा होने के बावजूद मैं बेचैन हूं। यह बेचैनी है मेरे शहर के प्रति मेरी जिम्मेदारियों की। यहां की जनता की सेवा ही मेरा नैतिक कर्तव्य है सभापति करूणा चांडक ने अपने सम्बोधन ने कहा कि यहा उपस्थित युवाओ से कहना चाहती हू कि मैं यहा आज सभापति के तौर पर नही बल्कि एक मा के रूप में अपना दामन फेला कर भिख मांगती हू कि ष्षहर को मेडिकेटड नषे और चिटटे से युवाओ को बचा लिजिये वरना जो यह शहर अपनी सामाजिक समरसता व सहयोग के लिये जाना जाता है वह अपराध के दलदल में डूब जायेगा। स्वागत उद्बोधन अमन शर्मा के साथ श्रमिक नेता महेंद्र बागड़ी, अशोक चांडक ,सभापति करुणा चांडक, पूर्व सभापति अजय चांडक, पंचायत समिती प्रधान सुरेंद्र पाल सिंह बराड़ ने संबोधित किया ।कार्यक्रम के अंत में वाल्मीकि समाज के अध्यक्ष रामशरण कोचर ने सब का धन्यवाद ज्ञापित किया।