टांटिया यूनिवर्सिटी के विधि संकाय का संविधान दिवस पर विशिष्ट आयोजन

अधिकार और कत्र्तव्य एक-दूसरे के पूरक : एडीजे वर्मा
टांटिया यूनिवर्सिटी के विधि संकाय का संविधान दिवस पर विशिष्ट आयोजन
श्रीगंगानगर। टांटिया यूनिवर्सिटी के विधि संकाय के शुक्रवार को संविधान दिवस पर हुए विशिष्ट आयोजन में मुख्य अतिथि एडीजे एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव पवन कुमार वर्मा ने कहा कि अधिकार और कत्र्तव्य एक-दूसरे के पूरक हैं, दोनों समानान्तर चलते हैं। संविधान सिर्फ वकीलों के लिए नहीं है। राष्ट्र, धर्म से बड़ा है और संविधान राष्ट्र का प्रतीक है, संवैधानिक संस्थाओं का सम्मान किया जाना चाहिए।
विशिष्ट वक्ता टैक्स बार एसोसिएशन के अध्यक्ष विक्रम अग्रवाल ने कहा कि भारत का संविधान विश्व का सबसे बड़ा लिखित संविधान है, अपना दायित्व समझते हुए इसकी पालना होनी चाहिए। विधि के विद्यार्थियों को इसे समर्पण भाव से गहनता से समझना चाहिए। बार एसोसिएशन के अध्यक्ष विजय कुमार रेवाड़ ने संविधान दिवस के साथ ही किसान आंदोलन दिवस की बधाई देते हुए कहा कि संविधान का सम्मान जरूरी है। जो हम चाहते हैं, वह दूसरों को देना संविधान की पालना है। बार एसोसिएशन के सचिव हरीश कुमार सोनी ने जेपी आंदोलन के समय के नारे ‘सिंहासन खाली करो कि जनता आती हैÓ तथा राहत इन्दौरी की पंक्तियां ‘…किसी के बाप का हिन्दुस्तान थोड़े हैÓ का जिक्र करते हुए अपने अधिकारों को जानने की जरूरत बताई। विधि संकाय के अधिष्ठाता डॉ. सौरभ गर्ग ने कहा कि राष्ट्र की अखण्डता और सम्प्रभुता का सम्मान होना चाहिए।


विधि के विद्यार्थी गगनदीप कौर, विपुल वधवा, स्वस्ति ढकाल मिगलानी, मानिक डेमला, जोशना लबाना, हर्षिता, फाहम अहमद खान आदि ने भी संविधान के विभिन्न पहलूओं पर विचार रखे। प्रारम्भ में मां सरस्वती के चित्र के समक्ष दीप प्रज्वलन के बाद महक मंगवाना ने स्वागत किया। संकाय सदस्य राजेंद्र सिंह, संदीप कौर, सुदेश कुमार, अतुल साहूवाला, आईईसी को-ऑर्डिनेटर राजकुमार जैन ने अतिथियों को स्मृति चिन्ह प्रदान किए। विद्यार्थी सतेंद्र कौर ने संयोजन किया। संविधान से संबंधित तीन डाक्यूमेंट्री का प्रदर्शन भी किया गया। विधि संकाय ने शुक्रवार को ही संविधान से संबंधित ऑन लाइन नैशनल क्विज भी रखी, इसमें विभिन्न राज्यों के विद्यार्थियों आदि ने काफी संख्या में भाग लिया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *