श्रीगंगानगर: बच्चों और गर्भवती महिलाओं के लिए ज्यादा खतरनाक है डेंगू – डॉ. धर्मेश गर्ग
श्रीगंगानगर: बच्चों और गर्भवती महिलाओं के लिए ज्यादा खतरनाक है डेंगू – डॉ. धर्मेश गर्ग
सही समय पर डॉक्टरी देखरेख मिल जाये तो खतरनाक नुकसान से बचना संभव – डॉ. गर्ग
प्रेस वार्ता में डॉक्टर गर्ग ने बताये डेंगू से बचाव के उपाय
श्रीगंगानगर। डेंगू से घबराने की नहीं बल्कि जागरूकता की आवश्यकता है। डेंगू बच्चों और गर्भवती महिलाओं के लिए ज्यादा खतरनाक है। ये बात बीकानेर शिशु एवं ईएनटी हॉस्पीटल के डायरेक्टर शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. धर्मेश गर्ग ने आज शनिवार को एक निजी होटल में डेंगू जागरूकता विषय पर आयोजित प्रेस वार्ता में कही। उन्होंने बताया कि डेंगू बुखार एक मुख्य बीमारी है जो बरसात उपरांत जुलाई से शुरू होकर दिसम्बर माह तक अपना अधिक प्रकोप रखती है। उन्होंने बताया कि डेंगू वायरस चार विभिन्न प्रकार का होता है 1,2,3 व 4। डॉ. गर्ग ने डेेंगू बुखार से तीन प्रकारों के बारे में जानकारी देते हुुए बताया कि डेंगू में मुख्यत: तीन प्रकार का बुखार होता है, साधारण बुखार, डेंगू हैमरेजिक बुखार एवं डेंगू शॉक सिन्ड्राम। डेंगू में खतरों के लक्ष्णों के बारे में बताते हुए डॉ. गर्ग ने कहा कि अत्यधिक पेट दर्द के साथ अत्यधिक उल्टियां, खून स्त्राव, पेट की सोनोग्राफी में लीवर का बढ़ जाना एवं पेरीटोनियम में अधिक पानी होना, छाती एक्सरे में फेफडों में प्यूलर स्पेस में अधिक पानी, सुस्ती, बैचेनी, तेजी से प्लेटलेट्स कम होते हुए हीमेटोक्रिट का अधिक बढ़ जाना, शॉक, पूर्व बीमारी जैसे शुगर, गुर्दा रोग, हृदय रोग, बच्चे या बुजुर्ग, प्रसव स्थिति आदि डेंगू के लक्षण है। इस बीमारी से बचाव के बारे में बताते हुए डॉ. धर्मेश ने कहा कि डेंगू का बचाव साधारण है, जैसे रूके पानी के सभी स्थान पर समय-समय पर सफाई एवं कीटनाशक का उपयोग करे क्योंकि डेंगू का मच्छर रूके पानी पर बैठता है, मच्छर पहले रोगी को काटकर बीमारी ग्रसित बनाता है फिर स्वस्थ को काटकर बीमार कर देता है इसलिए मच्छरों को मारना एवं मच्छरों के काटने से रोकने संबंधित उपाय अवश्य करें और मुख्य रूप से घर या मोहल्ले में एक भी रोगी है तो वहां अगर मच्छरों के पनपने की रोकथाम व मच्छरों को मारने वाने उपाय नहीं किये गये तो वह रोग तेजी से फैल सकता है। इसी दिशा में उन्होंने कहा कि सही समय पर डॉक्टरी देखरेख में उचित निदान महत्तवपूर्ण है, जिससे डेंगू हैमरेजिक एवं डेंगू शॉक सिन्ड्राम से बचा जा सकता है, जिनमें अत्यधिक खतरे है। इस प्रेस वार्ता में नाक कान गला रोग विशेषज्ञ डॉ. संदीप जैन व शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. सिद्धार्थ गर्ग ने भी डेंगू के बारे में चर्चा की।