व्यापारी वर्ग आक्रोशित, ब्लेकमैलिंग के खिलाफ हुआ एकजुट

व्यापारी वर्ग आक्रोशित, ब्लेकमैलिंग के खिलाफ हुआ एकजुट

व्यापार को अनिश्चितकालीन बंद करने की चेतावनी

शिवरतन भरतिया की ओर से दर्ज करवाए गए मामले में एफआर की मांग

श्रीगंगानगर। शहर के व्यापारी वर्ग ने दी गंगानगर ट्रेडर्स एसोसिएशन एवं गंगानगर कच्चा आढ़तिया संघ के बैनर तले एकजुट होकर भारी आक्रोश जताया है। उन्होंने बुधवार को ट्रेडर्स एसोसिएशन के सभागार में अपनी सभा के बाद पुलिस अधीक्षक कार्यालय में ज्ञापन देकर शिवरतन भरतिया के ब्लैकमेलिंग की कड़ी निन्दा की है और जिला खाद्य व्यापार संघ के अध्यक्ष विपिन अग्रवाल, प्रतिष्ठित व्यापारी सीए निशित अग्रवाल, पंकज बिलंदी, सुनील गोयल के खिलाफ कोतवाली में दर्ज करवाए गए मुकदमे पर तत्काल एफआर लगाने की मांग की है।

पुलिस को दिए गए ज्ञापन में कहा गया है कि शिवरतन भरतिया ने दुकान नम्बर 101 के पूर्व में चल रहे प्रकरण में दवाब बनाने, ब्लेकमैल करने तथा प्रतिष्ठित व्यापारियों की छवि को धूमिल करने के लिए कोतवाली में झूठा मामला दर्ज करवाया है। व्यापारी नेताओं ने चेतावनी दी है कि इस मामले में तुरंत एफआर नहीं लगाई गई तो धान मंडी में व्यवसाय अनिश्चितकाल के लिए बंद कर दिया जाएगा।

संयुक्त व्यापार मंडल के अध्यक्ष तरसेम गुप्ता, पूर्व अध्यक्ष श्रीकृष्ण मील, चेम्बर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष बंशीधर जिन्दल, ट्रेडर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष धर्मवीर डूडेजा, सामाजिक कार्यकत्र्ता महेश पेड़ीवाल, नगर विकास न्यास के पूर्व अध्यक्ष संजय महिपाल, कृषि उपज मंडी समिति के पूर्व उपाध्यक्ष संजय मूंधड़ा, व्यापारी नेता विजय जिन्दल, विनय जिन्दल, रमेश कुक्कड़, रामगोपाल पाण्डुसरिया, बनवारीलाल गोयल, मूलचंद गेरा, भूपेंद्र आहूजा, मनोज गुप्ता सोनू, विनीत जिंदल, रमेश गर्ग, सुरेंद्र सिंगला, राकेश गोयल, देवेन्द्र अग्रवाल, अरिहन्त बोरड़, पी. डी. अग्रवाल, गिरधारीलाल गुप्ता, कमलकान्त कोचर, हनुमान गुप्ता, राजेश गर्ग, गौरव मित्तल, विकास गर्ग सहित बड़ी संख्या में व्यापारी आक्रोश व्यक्त करते समय मौजूद थे।

‘वैधानिक ढंग से जारी हुआ है पट्टाÓ

प्रेस कांफ्रेंस में विपिन अग्रवाल, निशित अग्रवाल आदि ने बताया कि लगभग 80 साल से उनके परिवार के पास यह दुकान है और इसमें व्यवसाय कर रहे हैं। यह दुकान उनके पूर्वजों की खरीदी हुई है और यह सम्पत्ति वसीयत में मिली है। नगर परिषद ने पूरी प्रक्रिया और नियमों के बाद वैधानिक ढंग से पट्टा जारी किया है। इस बारे में सक्षम न्यायालय से स्थगन आदेश तक प्राप्त किया हुआ है। प्रेस कांफ्रेंस में यह भी कहा गया कि शिवरतन भरतिया ने एक दिन पहले जो एफआईआर कोतवाली में दर्ज करवाई है, हास्यास्पद है। सामाजिक सरोकारों में सदा सक्रिय रहने वालों पर चोरी जैसे आरोप में पुलिस ने मामला दवाब में दर्ज किया है। भरतिया उनको ब्लैकमेल करना चाहता है। उस पर तो पहले ही यहां पुराना मामला चल रहा है।

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