श्रीगंगानगर वासियों का दिल्ली राजधानी में मान बढ़ाया अनिल चौधरी(सहारण) ने
श्रीगंगानगर वासियों का दिल्ली राजधानी में मान बढ़ाया अनिल चौधरी(सहारण) ने,
नेतेवाला के अनिल चौधरी(सहारण) सिंडिकेट मार्केट एसोसिएशन(रजिस्टर्ड), पालम कॉलोनी दिल्ली के अध्यक्ष बने। अनिल गंगानगर के चर्चित क्रिकेटर रहे हैं और राजधानी दिल्ली की पालम कॉलोनी क्षेत्र में सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में जाने जाते है।
सिंडिकेट मार्केट एसोसिएशन(रजिस्टर्ड), पालम कॉलोनी दिल्ली के अध्यक्ष पदभार को ग्रहण करने बाद उन्होंने कहा,
“I believe की हमारी कामयाबी और जीवन में pleasure & pain का महत्वपूर्ण योगदान होता हैं क्योंकि सफलता के बाद मिलने वाला आनंद (Pleasure) ही हमें अपने कंफर्ट जोन से बाहर आकर अपना बेस्ट देने के लिए प्रेरित करता हैं। इसी तरह हम वो कार्य भी नहीं करते है जिनके परिणामों से हमे कष्ट या तकलीफ मिले। लेकिन कभी कभी दूसरो के कष्ट देखकर उन्हें बांटने का मन भी करता हैं क्योंकि हम सामाजिक प्राणी हैं हमारी जिंदगी , व्यापार और व्यवहार एक दुसरे से जुड़ा हैं और हम एक दूसरे के बिना इस समाज में अधूरे हैं।
शायद यहीं वजह हैं की इस बार के मार्केट एसोसिएशन के अध्यक्ष पद के लिए मेरे साथियों और सहयोगियों ने मेरा नाम प्रस्तावित किया या शायद इसीलिए की वो मुझे एक जिम्मेवार व्यक्ति समझते है और मैं हू भी। मेरा ये belief भी है की जिम्मेदारी दी नहीं जाती, ली जाती हैं और मैं इस जिम्मेदारी का कुशलता से निर्वाह करूंगा।
कुछ लोग मुझे राजनीति में एमेच्योर या नया समझते होंगे और मैं हू भी लेकिन मेरी मंशा, मेरी एनर्जी और इस मार्केट के लिए मेरे vision और सुधार के जज्बे को झुटला नहीं सकतें।
शायद बहुत कम लोगों को पता हैं की मैं एक बेहतरीन क्रिकेटर रहा हूं। जब मैं बैटिंग करता था तो मेरे दिमाग में हमेशा यही रहता था की मुझे लास्ट तक आउट नहीं होना , रन बनाना है और अपनी टीम को मैच जिताना हैं। हार जाते तो ज्यादा मेहनत करते थे। न रुकते थे और न ही थकते थे जब तक की इस टीम से जीत न जाएं। जब फील्डिंग करते थे तो मजाल किसी बॉल की कि वो बाउंड्री लाइन पार कर जाएं। अगर बॉल मेरे सामने मैदान में कही भी उछल गई तो चाहे हाथ छिले या घुटने पर चोट लगे उसे गिरने नहीं देता था। अधिकतर कैच पकड़ लेता था और कभी कभार छूट भी जाते थे।
मैं आपको यकीन दिलाता हूं की पिछले 30 सालों से वो ही जज़्बा, जोश और spirit जीवन के हर क्षेत्र में रखी है और इसी जज्बे से सफलता मिली है। अगर मैं आपके सहयोग से यहां भी उसी spirit और जोश से इस मार्केट, व्यापारियों और ग्राहकों के हित में कार्यरत रहूंगा क्योंकि मैं राजनीति राज के लिए या किसी राजनीतिक पार्टी के लिए नहीं, समाज के लिए, सबके साझा हितों के लिए करना चाहता हूं।
मेरा अनुभव हैं की कुछ अन्य मार्केट एसोसिएशंस में होली, दिवाली, ईद, दशहरा, लोहड़ी, बैसाखी जैसे त्याहारों पर व्यापारी स्नेह मिलन और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित करवाते है लेकिन हमारी मार्केट एसोसिएशन में इस तरह के आयोजनों का चलन कम है या सीमित दायरे में हैं।
मैं इस तरह के सामाजिक मेल मिलाप का पक्षधर हूं क्योंकि इन अवसरों पर ही हमें एक दूसरे को नजदीक से जानने और उनके सुख दुख का पता चलता है। जो आज किसी व्यापारी की समस्या है वो कल किसी और की या परसों सबकी हो सकती हैं । इस तरह एकजुट रहने से समस्याओं को जल्दी निपटाया जा सकता है और भाईचारे और सपोर्ट का सहारा हमारी बहुत टेंशन दूर कर देता है नतीजन हमारा पूरा ध्यान अपने काम पर रहता हैं।
दूसरा, मैंने बहुत बार छोटी मोटी चोरी की घटनाओं से नुकसान उठाया है और मेरी तरह बहुत से दूसरे व्यापारियों को भी चोरी की छोटी बड़ी घटनाओं से नुकसान हुआ होगा। इसके लिए हमें हर गली, नुक्कड़ और दुकानों पर सीसीटीवी कैमरे लगाने चाहिए और मेरे एजेंडे में ये काम प्राथमिकता पर रहेगा।
तीसरा, लोकतंत्र में पारदर्शिता और ईमानदारी दो उच्च आदर्श माने जाते हैं। अगर निर्वाचित पदाधिकारी अपने काम का लेखा जोखा रेगुलर न दे तो संशय बना रहता है और कमेटी के जो भी सर्वहित के विकास कार्य होते है उनकी सहायता और प्रोग्रेस दिखती नहीं है। हम हर माह एक नियमित बैठक में अपने कार्यों और खर्चों का लेखा जोखा और आगामी एजेंडो पर आम सहमति से निर्णय लिए जायेंगे।
मैं आपको विश्वास दिलाता हूं की जो मैने कहा है वो सब अवश्य करूंगा क्योंकि ये मेरे आदर्श, मूल्य और आदत है जिसकी वजह से मैं जीवन में सफल हू और इन मूल्यों को किसी भी परिस्थिति से नहीं छोडूंगा ।मुझे किया गया आपका सहयोग और मार्गदर्शन सर्वहित में ही समर्पित होगा।”
मैं पुनः एसोसिएशन के सदस्यों, मेरे साथियों- सहयोगियों और परिवार का धन्यवाद देता हूं। मैं सबकी उम्मीदों पर खरा उतरने की पूरी कोशिश करूंगा।