“चुनाव जीतूं या हारूं” बेटा बनकर करूंगा सेवा : चांडक

“चुनाव जीतूं या हारूं” बेटा बनकर करूंगा सेवा : चांडक
दो ग्राम पंचायतों के कार्यकर्ताओं से की चर्चा
श्रीगंगानगर। वरिष्ठ नेता एवं समाजसेवी अशोक चांडक ने कहा कि जनसेवा के लिए “चुनावी हार- जीत” कोई मायने नहीं रखती। चुनाव जीतूं या हारू, बेटा बनकर सेवा करता रहूंगा। राजनीति तो सेवा का एक वह माध्यम है, जिसके जरिए जनसेवा के साथ-साथ जनता की भावना के अनुरूप क्षेत्र का विकास करवाया जा सकता है।
यह बात श्री चांडक ने आज दो ग्राम पंचायतों के कार्यकर्ताओं की बैठक को संबोधित करते हुए कहीं। ग्राम पंचायत ख्याली वाला और लाधुवाला के सैकड़ों कार्यकर्ता आज अपने क्षेत्र की गंभीर समस्याओं को लेकर श्री चांडक से मिले। कार्यकर्ताओं का कहना था कि राजनीतिक स्तर पर ग्रामीण क्षेत्र को विकास कार्यों से उपेक्षित रखा जा रहा है। श्रीगंगानगर शहर तो नशे के गर्त में डूबा हुआ है। अब नशे के सौदागरों ने ग्रामीण क्षेत्र में भी अपने पांव पसारने आरंभ कर दिए हैं। वे अपने बच्चों के भविष्य को लेकर चिंतित हैं।

चांडक ने कहा कि विकास कार्यों के लिए राजनीतिक स्तर पर अपनी भागीदारी सुनिश्चित करनी होगी और नशे के अवैध कारोबार को बंद करवाने के लिए सजगता और सक्रियता की आवश्यकता है। नशा बेचने वालों का खुलकर विरोध करना होगा। ग्रामीण क्षेत्र के विकास से पहले बच्चों के भविष्य को सुरक्षित करना आवश्यक है। इसके लिए आप अपने ग्राम पंचायत स्तर पर कार्यकर्ताओं की टीम बनाकर पूरी ग्राम पंचायत को सुरक्षित करें और फिर शहर मैं नशे के कारोबार को बंद करवाने के लिए सहयोग दें। कार्यकर्ताओं को अपनी ताकत पहचाननी होगी और उसका सकारात्मक दिशा में इस्तेमाल करना है। तभी हम सब मिलकर नशे के इस कारोबार को जड़ से उखाड़ कर समूचे श्रीगंगानगर विधानसभा क्षेत्र को नशा मुक्त करने में सफल होंगे। चांडक ने कहा कि बड़ा दुख होता है उन माताओं, बहनों और बूढ़े बाप को देखकर, जिनके बच्चों की मौत केवल नशे के कारण हुई है। किसी का बेटा गया तो किसी का भाई और किसी का पति।
चांडक ने कहा कि मेरा राजनीति में आने का मुख्य कारण यही था ताकि सरकार के स्तर पर हम प्रमुखता से अपनी बात कह कर नशे के अवैध कारोबार से श्रीगंगानगर को मुक्त करें और समूचे क्षेत्र का बड़े शहरों की भांति विकास हो। पिछला चुनाव भी इसी उद्देश्य के साथ लड़ा था, लेकिन किसी कारणवश पराजय का सामना करना पड़ा। उन्होंने कहा कि मैं जनसेवा के उद्देश्य को लेकर आया था और वह करता रहूंगा। मेरे लिए चुनावी हार- जीत मायने नहीं रखती। बेटा बनकर सेवा करता आया हूं और आगे भी करूंगा। मेरे लिए सभी समाज सम्मानित है। किसी भी समाज का कोई भी पीड़ित मेरे पास आता है तो मैं उसका हर प्रकार से सहयोग करता हूं। चाहे किसी की आर्थिक स्थिति खराब हो या किसी को बेटी की शादी के लिए सहयोग चाहिए। मैंने कभी किसी को इनकार नहीं किया। चुनाव जीतू या हारू यह क्रम यूं ही चलता रहेगा। मेरे लिए लोग यह कहते हैं कि अशोक चांडक पैसे वाला है वह पैसे के बल पर कुछ भी कर सकता है और लोग उसके पास पैसे के लिए जाते हैं। मैं उन लोगों से कहना चाहता हूं कि अशोक चांडक के कोई लॉटरी नहीं लगी है मेरे पास जो पैसा है और रात दिन मेहनत करके कमाया हुआ है। ईश्वर की कृपा है तभी तो मैं शहर के प्रति अपनी जिम्मेदारियों का निर्वाह करने के लिए बेटा बंद कर सेवा कर रहा हूं वरना कोई दूसरा करके दिखा दे ? उन्होंने कहा कि जनसेवा के लिए मेरे समक्ष राजनीतिक दल भी कोई मायने नहीं रखते। कांग्रेस हो या भाजपा या फिर निर्दलीय ‌! मेरी ताकत मेरे कार्यकर्ता है और कार्यकर्ताओं के निर्णय पर ही मैं अपना राजनीतिक सफर निर्धारित करूंगा। जो कार्यकर्ता आज मेरे साथ जुड़े हुए हैं और आगे जुड़ेंगे, उनके आत्मसम्मान को कभी ठेस नहीं लगने दूंगा। मुझे पूरा विश्वास है कि कार्यकर्ताओं की ताकत से ही मैं इस क्षेत्र में बदलाव लाकर रहूंगा। चांडक ने कार्यकर्ताओं से अपने अपने क्षेत्र में जनसंपर्क कर कार्यकर्ताओं का संख्या बल बढ़ाने पर जोर दिया उन्होंने कहा कि आप लोगों ने आज मुझ में पुनः एक नई ऊर्जा संचारित की है और मैं चाहता हूं कि जब अगली बार हम दोबारा इकट्ठे हो तो यह संख्या बल कहीं अधिक होना चाहिए। मुझसे किसी भी प्रकार के सहयोग की आवश्यकता हो तो मेरे दरवाजे मेरे सक्रिय कार्यकर्ताओं के लिए 24 घंटे खुले रहेंगे। इस अवसर पर बड़ी संख्या में कार्यकर्ता उपस्थित रहे

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