एल एण्ड टी की कार्यप्रणाली बनी नागरिक के जी का जंजाल


एल एण्ड टी की कार्यप्रणाली बनी नागरिक के जी का जंजाल
 कांग्रेस नेता अशोक चांडक ने लिखा आरयूआईडीपी के अधीक्षण अभियंता और एलएनटी के सहायक व कनिष्ठ अभियंता को पत्र

14 जुलाई 2021 श्रीगंगानगर।

शहर हो रहे सीवरेज कार्य को लेकर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अशोक चांडक ने आरयूआईडीपी के अधीक्षण अभियंता एवं  एलएण्डटी सहायक अभियंता एवं कनिष्ठ अभियंता को पत्र लिखकर एलएण्डटी की कार्यशैली गहरी नाराजगी व्यक्त की है। शहर के अलग-अलग हिस्सों में चल रहे सीवरेज कार्य से नागरिकों को होने वाली परेशानी को गंभीरता से लेते हुए चांडक ने चेताया कि यदि कार्यप्रणाली को सुधारा नहीं गया तो वे राज्य सरकार के स्तर पर एलएण्डटी के कार्य की जांच करवाएंगे। ऐसे में उन्हें न्यायालय का भी सहारा लेना पड़ा तो वे परहेज नहीं करेंगे।
अपने पत्र में अशोक चांडक ने लिखा कि शहर में एलएण्डटी द्वारा जो कार्य करवाए जा रहे हैं। उनमें गुणवत्ता के निर्धारित मापदंडों को नजरअंदाज किया जा रहा है। इतना ही नहीं, सड़कों की खुदाई का कार्य आरंभ करने से पूर्व नालियों को ढका नहीं जाता। इससे नालियों में मिट्टी जमा हो जाने के कारण नागरिकों के घर से पानी की निकासी अवरुद्ध हो जाती है। एलएण्डटी के कर्मचारियों की इस लापरवाही से नागरिकों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है। उनका घर से बाहर निकलना भी मुश्किल हो गया है। नागरिकों की इस परेशानी का आंकलन करना हो तो उनके वार्ड 39 का अवलोकन किया जा सकता है। चांडक के अनुसार सड़कों की खुदाई के दौरान पाइप लाइन डालने के बावजूद महीनों तक न तो गड्ढों को भरा जाता है और ना ही उन पर सड़क बनाई जाती है। चांडक ने बताया कि कंपनी द्वारा पाइप लाइन डालने के बाद जो चेंबर बनाए जा रहे हैं उनका लेवल भी सही नहीं है। चेंबर की फिटिंग सड़क से ऊंची है। जिसकी वजह से वाहन चालकों को प्रतिदिन न केवल परेशानी का सामना करना पड़ता है बल्कि वाहनों को भी नुकसान हो रहा है।

 

चांडक गंगानगर में काम कर रहे कंपनी के अधिकारियों को सड़क की खुदाई आरंभ करने से पूर्व नालियों को ढकने तथा निर्धारित समय अवधि में काम पूरा करने संबंधी बोर्ड लगाए जाने तथा कार्य की गुणवत्ता पर पूरा ध्यान देने के लिए पाबंद करने को कहा। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि राज्य सरकार द्वारा एलएण्डटी को सीवरेज कार्य इस लिहाज से दिया गया था कि कंपनी द्वारा विश्व स्तरीय निर्माण कार्य किए जाते हैं। जबकि सच्चाई यह है कि कंपनी स्थानीय ठेकेदारों से ही अलग-अलग तरह के कार्य करवा रही है। खुदाई के कर्मचारी अलग है तथा सड़क बनाने का कार्य किसी अन्य के पास है। यदि कार्यप्रणाली में अपेक्षित सुधार नहीं किया गया तो वह इस कार्य की राज्य सरकार के स्तर पर जांच करवाने और वहां से न्याय नहीं मिलने की स्थिति में न्यायालय में वाद दायर करने से भी परहेज नहीं करेंगे।

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