जन सेवा हॉस्पिटल में लेजर से वेरीकोज वेइन्स शिविर में छह ऑप्रेशन

जन सेवा हॉस्पिटल में लेजर से वेरीकोज वेइन्स शिविर में छह ऑप्रेशन
श्रीगंगानगर। हनुमानगढ़ रोड पर स्थित टांटिया यूनिवर्सिटी कैम्पस में डॉ. एसएस टांटिया मेडिकल कॉलेज, हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर (जन सेवा हॉस्पिटल) में वेरीकोज वेइन्स के ऑप्रेशन का दूसरा शिविर सफल रहा। इसमें इंडोवेनस लेजर अबलेशन के माध्यम से शिविर में किए गए। मुख्य प्रशासनिक अधिकारी प्रो. बलजीत सिंह कुलडिय़ा ने बताया कि इसमें डॉक्टरों ने बिना चीरा या टांका लगाए, लेजर मशीन के एक पतले तार को खराब नसों में डालकर उसमें रक्त का प्रवाह बंद करके छह ऑप्रेशन किए।
रेडियोलॉजी डिपार्टमेंट के स्पेशलिस्ट डॉ. अनूप नागपाल ने बताया कि शिविर मेें इस बीमारी से पीडि़त छह मरीज भर्ती हुए थे। इसमें एक महिला व पांच पुरुष थे। इनके पैरों की नसें फूल गई थीं और उन्हें दर्द रहता था। चलने-फिरने में परेशानी थी। डॉ. अनूप नागपाल एवं डॉ. गुरविंद्र सिंह ने नर्सिंग स्टाफ के साथ लेजर के माध्यम से ऑप्रेशन किए। ऑप्रेशन के कुछ समय बाद ही रोगियों को घर भेज दिया गया।
डॉ. नागपाल के मुताबिक बढ़ती उम्र के साथ नसें लचीलापन खो देती हैं। इसके चलते नसों में खिचाव पड़ जाता है। ऐसे में नसों का वाल्व कमजोर हो जाता है और दिल की ओर बढऩे वाला रक्त उल्टी दिशा में बढऩे लगता है। इस वजह से नसों में रक्त एकत्रित हो जाता है और नसें फूलकर वेरीकोज वेइन्स बन जाती हैं। मुख्य रूप से यह बीमारी रहन-सहन के गलत तरीकों के कारण होती है। कुछ लोगों में यह आनुवांशिक भी होती है। वेरीकोज वेइन्स के इलाज का मुख्य सिद्धांत है कि खराब खून की नलियों में रक्त का प्रवाह पूरी तरह से रोक दिया जाए।

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