नगरपरिषद सभापति करूणा अशोक चांडक ने 44 पार्षदों के साथ आज नगरपरिषद सभागार में हुई बैठक में जिला कलेक्टर से मिलने तथा मुख्यमंत्री को पत्र प्रेषित करने का निर्णय लिया गया

नगरपरिषद सभापति करूणा अशोक चांडक ने 44 पार्षदों के साथ आज नगरपरिषद सभागार में हुई बैठक में जिला कलेक्टर से मिलने तथा मुख्यमंत्री को पत्र प्रेषित करने का निर्णय लिया गया तथा बैठक में यह भी तय हुआ कि अतिशीघ्र सभापति एवं पार्षदगण जयपुर जाकर मुख्यमंत्री, स्वायत्त शासन मंत्री, शासन सचिव व डीएलबी निदेशक से मिलकर नगरपरिषद की वस्तुस्थिति से अवगत करवायेगें तथा स्थाई आयुक्त की मांग की जावेंगी। सभापति ने जिला कलेक्टर से कलेक्ट्रेट सभागार में स्वयं एवं पार्षदों के हस्ताक्षरयुक्त ज्ञापन देकर कहा कि नगरपरिषद में आयुक्त का चार्ज सहायक लेखाधिकारी को दिया जावें।

इसके अलावा सभापति ने मुख्यमंत्री महोदय, स्वायत्त शासन मंत्री, शासन सचिव स्वायत्त शासन विभाग, निदेशक डीएलबी को भी पत्र प्रेषित कर मांग की है कि आयुक्त की स्थाई नियुक्ति की जावें। सभापति द्वारा आज कलेक्ट्रेट सभागार में जिला कलेक्टर को अवगत करवाया कि बड़ी संख्या में पट्टे, नामांतरण व अन्य जनहित के कार्य शेष है, इसलिये आयुक्त का चार्ज सहायक लेखाधिकारी को दिया जावें। प्रेषित पत्र में सभापति ने लिखा है कि नगरपरिषद में कांग्रेस पार्टी का बोर्ड है। बोर्ड गठन से लेकर आज तक 44 महीनों में 15 आयुक्त स्थानांतरित किये जा चुके है। वर्तमान में राज्य सरकार द्वारा प्रशासन शहरों के संग अभियान के चलते स्थाई आयुक्त न होने की वजह से बड़ी संख्या में पट्टे, नामांतरण व अन्य जनहित के कार्य शेष है। नगरपरिषद ने स्वंय के स्तर पर ही शहर को आवारा पशुओं से मुक्त करने का कार्य, बारिश के पानी की निकासी हेतू एसटीपी की पाईप लाईन को लिंक चैनल से जोडा गया, इसी तरह जनहित से जुडे़ अनेक कार्य नगरपरिषद द्वारा स्वंय के स्तर पर करवाये गये है। वर्तमान में नगरपरिषद आयुक्त का कार्यभार राजेश अरोड़ा के पास था, परन्तु अब आयुक्त का अतिरिक्त प्रभार उपखण्ड अधिकारी श्रीगंगानगर को दिया गया है। उपखण्ड अधिकारी के कार्यक्षेत्र की अधिकता के चलते वे नगरपरिषद में समय नही दे पायेगें, पूर्व में ऐसा हो चुका है। तब पार्षदगणों ने जिला कलेक्ट्रेट पर धरना लगाकर आयुक्त की नियुक्ति करवाई थी। वर्तमान में नगरपरिषद में राजस्व अधिकारी, स्वास्थ्य अधिकारी, अग्निशमन अधिकारी, सचिव आदि के पद भी रिक्त है, जिससे जनहित के कार्य नही हो रहे है। निकट भविष्य में चुनाव है तथा आर्दश आचार सहिंता भी प्रस्तावित है। नये अधिकारी की नियुक्ति करने से 2-3 माह का समय कार्य को समझने में व्यतीत हो जाता है, राजेश अरोडा आरएमएस जोकि हनुमानगढ नगरपरिषद से स्थानांतरित होकर सहायक अधिकारी के पद पर नियुक्त किये गये है, इन्होने ढाई वर्षो तक आयुक्त के पद पर हनुमानगढ़ नगरपरिषद में कार्य किया है। इनको कार्य का अनुभव भी है। सभापति व समस्त पार्षदगणों ने आग्रह किया है कि श्री राजेश अरोड़ा को आयुक्त के पद का सम्पूर्ण कार्यभार सौंपा जावें। जिससे बडी संख्या में पट्टे बनाने व जनहित के अन्य कार्य निष्पादित किये जा सकें।

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