सच्चाई का गला नहीं घोट सकता नाकारात्मक प्रचार : करुणा चांडक

सच्चाई का गला नहीं घोट सकता नाकारात्मक प्रचार : करुणा चांडक

शहर की जनता सब जानती है

जहां 3 दिन तक पानी भरा रहता था वहां 12 घंटे में सड़कें हुई खाली

श्रीगंगानगर। नगर परिषद सभापति श्रीमती करुणा अशोक चांडक ने कहा कि हमें नगर परिषद के कर्मचारियों की मेहनत की तारीफ करनी चाहिए कि जिस क्षेत्र में 3 दिन तक बारिश का पानी भरा रहता था वहां 12 घंटे के भीतर सड़कों को जल मुक्त कर दिया गया। केवल नकारात्मक प्रचार से सच्चाई को छुपाया अथवा दबाया नहीं जा सकता।

सभापति ने कहा कि हम क्या काम कर रहे हैं और कैसे कर रहे हैं, हमारे काम से शहर की स्थिति में कितना परिवर्तन आया है यह शहर की जनता भली-भांति जानती है। नगर परिषद के दुष्प्रचार से जनता के मन में बनी सोच को प्रभावित नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि एक समय था, जब हल्की सी बारिश के दौरान शहर की सड़कों पर जलभराव की स्थिति उत्पन्न हो जाती थी और इस पानी की निकासी में 3 दिन लग जाते थे। लेकिन आज वही शहर और वही सड़कें हैं, जहां मात्र 12 घंटे की अवधि के बाद बारिश का पानी नजर नहीं आता। यदि काम की तारीफ करने का मन ना हो तो कम से कम दुष्प्रचार कर नगरपरिषद के अधिकारियों और कर्मचारियों को हतोत्साहित करने का कार्य भी नहीं होना चाहिए।

सभापति ने एक सवाल किया कि पूरे देश में अथवा विश्व में ऐसी कौन सी जगह है जहां आसमान से पानी बरसे और जमीन पर नजर ना आए। कुछ लोग दुष्प्रचार के माध्यम से श्रीगंगानगर की जनता को ऐसे कौन से देश का सपना दिखा रहे हैं जहां आसमान से बरसते ही पानी की निकासी हो जाए। जब भी कोई बारिश होती है तो शहर की सड़कों और गलियों में कुछ समय के लिए पानी का ठहराव होना निश्चित है। क्योंकि आसमान से बरसने वाले पानी कि न तो गति सीमित होती है और ना ही मात्रा, जबकि शहर के नाले नालियों में जल बहाव के लिए एक निश्चित मापदंड होता है ऐसे में सहज ही अनुमान लगाया जा सकता है कि पानी निकासी में थोड़ा वक्त लगेगा। लेकिन दुष्प्रचार करने वालों को ना जाने यह बात क्यों नहीं समझ आ रही यदि आती भी है तो वे इस समझ को नजरअंदाज कर केवल दुष्प्रचार करने का ही उद्देश्य रखते हैं। लेकिन शहर की जनता यह भली-भांति जानती है कि शहर की स्थिति पहले से कितनी बेहतर है। इसके लिए नगर परिषद को दुष्प्रचार करने वालों से किसी प्रमाण पत्र की आवश्यकता नहीं है। हमने कड़ी मेहनत से समर्पण भाव के साथ जो कार्य किया है उसका प्रतिफल हमें शहर की जनता देगी।

श्रीमती चांडक के अनुसार शहर में जल निकासी की व्यवस्था बनाने में प्रशासन के प्रयास सराहनीय है लेकिन नगर परिषद कर्मचारियों ने रात भर जागकर जल निकासी के लिए जो मेहनत की है और आज भी लगे हुए हैं, उन्हें पूरा शहर सलाम कर कर रहा है।

सभापति के अनुसार एक समय था जब बारिश आने के बाद जहां उदाराम चौक मार्केट को 8 -10 दिन के लिए दुकानदारों को अपनी दुकानें बंद रखकर रोजी-रोटी से हाथ धोना पड़ता था, वहां आज एक पानी की एक बूंद भी सड़क पर नहीं है। आज वह दरी छाप, यह फोटो नहीं डालेंगे। उन्होंने कहा कि पुरानी आबादी का ताराचंद वाटिका का एरिया सबसे नीचा होने के बावजूद वहां पर पूरी की पूरी सड़क पर एक भी बूंद पानी नहीं है। कल रविंद्र पथ रोड पर जहां घुटनों तक पानी था, वह भी आज पूरी तरह से सुखी है। गोल बाजार मार्केट में पानी के कारण कई दिनो तक व्यापारियों का काम धंधा चौपट हो जाता था। वहां आज सुबह पानी मुक्त सड़क देखकर दुकानदारों को बहुत अच्छा लगा।

श्रीमती चांडक के अनुसार नगर परिषद ने काम किया है। वे नहीं उनका काम बोल रहा है। कल शहर में हुई भयंकर बारिश के बाद शहर की एक – दो सड़कों को छोड़कर आज सुबह तक मात्र 10 -12 घंटों के भीतर पूरे शहर की सडको से पानी निकाल दिया गया है। कल जिन्होंने कूलर को तैरते हुए दिखाया था आज वह लोग शहर के बदले हालात की यह तस्वीरें नहीं डालेंगे। मैं भी डालना नहीं चाहती थी , लेकिन इस काम को देखते हुए मैं अपने आप को रोक नहीं सकी ।

हो सकता है कि नीचे लेवल के कारण कुछ सड़कों पर अभी भी पानी खड़ा हो सकता है लेकिन यकीन मानिए कि आम जनता की लापरवाही भी इसके लिए जिम्मेदार है जो प्लास्टिक , कार्टन, बॉटल, मलबा यहां तक कि पुराने गद्दे तक नालों में डाल रहे हैं। अगर नगर परिषद के सफाई कर्मचारियों ने हमारी इस गंदगी में घुसकर नालों को साफ नहीं किया होता तो ये राहत भी हमे नसीब नहीं होती ।

श्रीमती चांडक ने कहा कि शहर के इन नालों के शहर के बाहर के किनारे, जहां पर पानी की निकासी खेतों में होती हैं। वहां पर उन किसान भाइयों के खेतो में भी पानी लबालब भरा हुआ था। इस वजह से निकासी में समय लगना स्वाभाविक है। ये समय परिषद व प्रशासन पर आरोप प्रत्यारोप का नहीं हैं। जो भी जन प्रतिनिधि धरातल पर काम कर रहे है, उन्हें शहर की जनता जानती है और समय आने पर उनको चुनने के लिए उनका हृदय अपने आप अपनी गवाही दे देगा। इसके अलावा अतिशीघ्र ही पुरानी आबादी का लिंक चैनल से जुड़ाव होते ही पानी निकासी की व्यवस्था में सुधार होगा। सभापति ने कहा की जो सड़के बरसात की वजह से क्षतिग्रस्त हुई है उन्हें भी पेच वर्क कर दुरुस्त करने के आदेश दे दिए गए है। अतिशीघ्र रविंद्र पथ सहित मुख्य मार्गो के पेच वर्क कार्य अतिशीघ्र करवा दिया जाएगा।

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