सरकार हठधर्मिता छोड़ डॉक्टरों की हड़ताल समाप्त करवाए: संजय मूंदड़ा

सरकार हठधर्मिता छोड़ डॉक्टरों की हड़ताल समाप्त करवाए: संजय मूंदड़ा-राज्य में चिकित्सा सेवाएं चरमराईं, बीमार लोग कर रहे त्राहि-त्राहि

श्रीगंगानगर. भाजपा नेता संजय मूंदड़ा ने अशोक गहलोत सरकार पर राजस्थान राइट टू हेल्थ कानून को लेकर हठधर्मिता का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि गहलोत सरकार की हठधर्मिता से राज्य की जनता के स्वास्थ्य से खिलवाड़ हो रहा है। राज्य सरकार पर अहंकार हावी हो चुका है और वह डॉक्टरों की हड़ताल समाप्त कराने के लिए एक कदम भी नहीं उठा रही है। इस समय डॉक्टरों को वार्ता के लिए बुलाकर उनकी हड़ताल समाप्त करवा कर जनता को राहत पहुंचाने की सबसे बड़ी आवश्यकता है, जिसकी ओर सरकार का ध्यान ही नहीं है। सरकार को अपना अहंकार छोड़कर बीमार लोगों का ख्याल करना चाहिए। सरकार तानाशाही रवैया छोड़े और डॉक्टरों का आंदोलन समाप्त करवाए।मूंदड़ा ने आज जारी एक बयान मेंं कहा कि राज्य सरकार राइट टू हेल्थ के जरिए जनता के स्वास्थ्य की रक्षा करने का दावा कर रही है लेकिन हकीकत यह है जब से राइट टू हेल्थ की बात छिड़ी है, राजस्थान की जनता का बुरा हाल हो गया है। राज्य भर के प्राइवेट डॉक्टर आंदोलन कर रहे हैं। इससे निजी अस्पतालों में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं चरमरा गई हैं। जिन हजारों लोगों के इमरजंसी ऑप्रेशन होने थे, वह अटक गए हैं। बीमार लोग त्राहि-त्राहि कर रहे हैं। सरकारी अस्पतालों में मरीजों की संख्या इतनी अधिक बढ़ गई है, जो संभाले नहीं संभल नहीं रही है। प्राइवेट लैब बंद होने से लोगों की बीमारियों की जांच ही नहीं हो पा रही। चिरंजीवी योजना ठप हो गई है।

मूंदड़ा ने कहा कि कोई भी कानून मनमाने तरीके से नहीं थोपा जाना चाहिए। राइट टू बिल पर डॉक्टरों की आपत्तियों को नजरअंदाज कर दिया गया, जिस पर उन्हें हड़ताल पर जाना पड़ा। जिन डॉक्टरों को भगवान कहा जाता है, उन पर लाठीचार्ज करवा कर सरकार ने अपनी सोच को साबित कर दिया है।उन्होंने कहा कि तुरत-फुरत में राइट टू हेल्थ बिल को पारित करवाना संदेह पैदा करता है। आखिर इसमें जल्दबाजी की जरूरत क्या थी। सरकार इस बिल को अपनी उपलब्धि बता कर इसके जरिए जनता को राहत देने के दावे कर रही है लेकिन इसी बिल की बदौलत आम लोगों का जीवन संकट मेें पड़ गया है। इलाज के अभाव मेंं मरीज कराह रहे हैं। सरकार चाहे तो डॉक्टरों का आंदोलन समाप्त करा कर उनका दर्द समाप्त कर सकती है लेकिन इसके विपरीत मरीजों का दर्द बढ़ाया जा रहा है। मूंदड़ा ने कहा कि डॉक्टरों की हड़ताल के कारण मरीजों की मौत की जिम्मेदार सरकार है। इसके लिए जनता उसे कभी माफ नहीं करेगी।

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