अंबेडकर के मार्ग पर चलकर खुशहाल समाज की स्थापना संभव: संजय मूंदड़ा

अंबेडकर के मार्ग पर चलकर खुशहाल समाज की स्थापना संभव: संजय मूंदड़ा

श्रीगंगानगर. भाजपा नेता संजय मूूंदड़ा ने संविधान निर्माता बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर के विचारों को वर्तमान परिप्रेक्ष्य में अधिक प्रासंगिक बताया है। उन्होंने कहा कि बाबा साहेब के विचार आज के युग में ज्यादा प्रासंगिक हैं। अगर उनके बताए मार्ग का अनुसरण किया जाए तो न केवल वंचित वर्गों, महिलाओं तथा शोषित वर्ग के लोगों का उत्थान संभव है बल्कि एक खुशहाल समाज की स्थापना भी की जा सकती है। उन्होंने आज नेहरा नगर में डॉ. अंबेडकर जयंती पर आयोजित कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप मेंं सबोधित करते हुए यह बात कही।

उन्होंने कहा कि बाबा साहेब अंबेडकर की हर बात असाधारण थी। उनकी हर बात मेंं कोई न कोई संदेश निहित था। वह अक्सर कहते थे कि मुझे वह धर्म पसंद है जो स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व सिखाता है। वह जीवन भर शिक्षित बनो और संगठित रहो का आह्वान करते रहे। बहुत पहले ही उन्होंने शिक्षा का महत्व हमें समझाने की कोशिश की। उन्होंने कहा था शिक्षा शेरनी का दूध है, जो पिएगा वह दहाड़ेगा। अगर हम नहीं समझ पाए तो यह हमारी कमी है।

मंूदड़ा ने कहा कि हमारा देश तीव्र गति से आगे बढ़ रहा है, इसमें बाबा साहेब का बहुत बड़ा योगदान है। उन्होंने सारे समाज को एकत्र करके एक साथ आगे बढ़ाने की व्यवस्था संवैधानिक ढांचे में की थी। अगर बाबा साहेब को वास्तव में याद करना है तो उनके बताए हुए रास्ते पर चलना होगा।

उन्होंने कहा कि बाबा साहेब कहते थे मैंने संविधान के रूप में आपको एक ऐसी पुस्तक दी है, जिसका कोई सदुपयोग करेगा तो इससे बेहतर पूरी दुनिया में कोई किताब नहीं है। संविधान के तहत बाबा साहेब के सपनों का देश बनाने की दिशा मेंं हम सबको मिलकर काम करना चाहिए।

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